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Title: क्यों आईआईएम में वंचित समुदाय से आने वाले शिक्षकों के लिए जगह नहीं है?
Authors: Malghan, Deepak 
Joshi, Siddharth 
Keywords: Social diversity;Teachers;IIMs;Business education;IIM Bill;Educational institutions
Issue Date: 17-Mar-2017
Publisher: Foundation for Independent Journalism (FIJ)
Abstract: "एक सर्वे के अनुसार, देश के छह आईआईएम में जुलाई 2015 तक कुल 233 शिक्षक थे. इनमें से सिर्फ़ दो अनुसूचित जाति और पांच अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. अनुसूचित जनजाति से कोई भी शिक्षक यहां नहीं था. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बीती नौ फरवरी को भारतीय संस्थान प्रबंधन विधेयक, 2017 (आईआईएम विधेयक) को संसद में पेश किया. इस विधेयक का उद्देश्य मौजूदा 20 भारतीय प्रबंधन संस्थानों को डिप्लोमा के बजाय परास्नातक और डॉक्टरेट की डिग्री दे पाने का अधिकार देना है. यह विधेयक मंत्रालय और प्रबंधन संस्थानों के बीच पिछले दो सालों से निरंतर चल रही बातचीत का नतीजा है जिसका मुख्य मुद्दा इन संस्थानों के प्रशासन में केंद्र सरकार की भूमिका की सीमाएं तय करना था. आईआईएम चाहते थे कि उन पर सरकारी नियंत्रण कम से कम हो और प्रशासन के मामलों में संस्थानों को पूर्ण स्वायत्तता दी जाए ताकि ये संस्थान अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों का दर्जा हासिल कर पाएं. Read more at: http://thewirehindi.com/3847/indian-institute-of-management-professors-shortage-from-backward-community/" . Read more at: http://thewirehindi.com/3847/indian-institute-of-management-professors-shortage-from-backward-community/
Description: The Wire, Hindi, 17-03-2017
URI: https://repository.iimb.ac.in/handle/2074/13594
Appears in Collections:2010-2019

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